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सूर्यनमस्कार क्या है , सूर्यनमस्कार के लाभ। सूर्यनमस्कार कैसे करे।

सूर्यनमस्कार क्या है
सूर्यनमस्कार क्या है , कैसे करे।

सूर्यनमस्कार क्या है – सूर्यनमस्कार शब्द का स्पस्ट मतलब कहे तो इसका मतलबसुनने में लगता है सूर्य को नमस्कार यह एक तरह से योगा है सूर्य नमस्कार करने के कई फायदे है इससे हमरा वज़न कम रहता है , पाचन सकती ठीक होता है , हमारा सरीर लचीला बनता है हमर दिमाग फ्रेश रहता है , हमारे मस्पेसिया को टन करता है।

सूर्य नमस्कार के इतने सारे फायदे है ऐसे में हमे या जानन बहोत ज़रूरी है की सूर्यनमस्कार क्या है , सूर्यनमस्कार कैसे करते है , सूर्यनमस्कार कितने तरह के होता है तो आज हम इस Article में यह जानेंगे। तो आप इस Article को पूरा पढ़े आप सूर्यनमस्कार से जुड़ा हर Details जान जाएंगे।

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सूर्यनमस्कार क्या है।

सूर्यनमस्कार एक योगसन है जिसे की हमारे पुरे Body की स्ट्रेचिंग हो जाती है और रेगुलर सुरयनमस्कार करने से हमारे Body तदुरूस्त भी रहती है। सूर्यनमस्कार सब्द का मतलब कहे तो इसका मतलब हुआ सूर्य को नमस्कार और इस योगासन को सूर्यनमस्कार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि सूर्यनमस्कार करने में हम जो जो Steps करते है उससे लगता है की हम नामससकार कर रहे है।

सूर्यनमस्कार कितने तरह के होते है ?

सूर्यनमस्कार 12 तरह के होते है। :-

  •  प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
  • हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
  • पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend)
  • अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
  • दंडासन (Dandasana – Staff Pose )
  •  अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)
  • भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)
  • अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose)
  • अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
  • पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose)
  •  हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
  •  प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)

सूर्यनमस्कार कैसे करते है ?

सूर्यनमस्कार करने के लिए आपके इसके सभी 12 प्रका जो मैंने ऊपर बताय है उन्हें एक ही बार में एक एक करके 2 second का गैप दे दे कर 12 हो आसान को करना होता है निचे मैंने आपको सूर्यनमस्कार का यह आसान कैसे किया जाता है वह बताय है।

सूर्यनमस्कार हमेसा सुबह में खली पेट करे।

1. प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)

Pranamasana करने के लिए आप सूर्य के तरफ फेस करके दोनों पाई को सत्ता कर सीधे खड़े हो जाए। और दोनों हाथ जो जोड़े पैसे हम दोनों हाथ जोड़ के प्राथना करते है।

2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)

हस्तउत्तनासन करने के लिए आप जैसे अभी आप खड़े है वैसे ही रहे और अपने हाथ को जोड़े हुए ही उपर करके पीछे की और ले जाए और धीरे धीरे अपनी कमर पीछे की और झुकाये और सास अंदर की तरफ खींचे। जैसा की इमेज में दिखाया हुआ है। और ऐसे ही 2 से 3 second तक रहे।

3. पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend)

पादहस्तासन करने के लिए अब आप अपने पिछले पोजीशन से धीरे धरे उठे और अपनी सास बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और अपनी पेअर के अंगुलियों को छुए। जैस कि इमेज में दिखाया हुआ है और इसी अवास्था में 2 से 3 second तक रहे।

4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)

अश्व संचालनासन करने के लिए अब आप अपनी पिछली पोजीशन से धीरे-धीरे सांस लेते हुए Right पैर पीछे की ओर फैलाएं।Right पैर का घुटना जमीन के करीब होना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। एयर अपने सिर को आसमान की उठाकर देखे। जैसा की इमेज में दिखाया हुआ है और इसी अवास्था में 2 से 3 second तक रहे।

5. दंडासन (Dandasana – Staff Pose )

दंडासन करने के लिए अब आप अपनी पिक्ली Position से सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं। जैसा की इमेज में दिखाया हुआ है और इसी अवास्था में 2 से 3 second तक रहे।

6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)

आराम से दोनों घुटने ज़मीन पर लाएँ और श्वास छोडें। अपने कूल्हों को पीछे उपर की ओर उठाएँ I पूरे शरीर को आगे की ओर खिसकाएँI अपनी छाती और ठुड्डी को ज़मीन से छुएँ।अपने कुल्हों को थोड़ा उठा कर ही रखेंI अब दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी (शरीर के आठ अंग) ज़मीन को छूते हुए होंगे। जैसा की इमेज में दिख रहा है।

7. भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)

आगे की ओर सरकते हुए, भुजंगासन में छाती को उठाएँI कुहनियाँ मुड़ी रह सकती हैं। कंधे कानों से दूर और दृष्टि ऊपर की ओर रखें। जैसा की इमेज में दिख रहा है।

8. अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose)

श्वास छोड़ते हुए कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर उठाएँ, छाती को नीचे झुकाकर एक उल्टे v (˄) के आकार में आ जाएँ। और कोसिस करे की अपने पैरो के अदि को भी ज़मीन में पूरी तरह सताए रखे। जैसा की इमेज में दिख रहा है।

9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)

श्वास लेते हुए दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच ले जाएँ, बाएँ घुटने को ज़मीन पर रख सकते हैं। और ऊपर की ओर रखेंI जैसा की Image में दिख रहा है।

10. पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose)

श्वास छोड़ते हुए बाएँ पैर को आगे लाएँ, हथेलियों को ज़मीन पर ही रहने दें। अगर ज़रूरत हो तो घुटने मोड़ सकते हैं। जैसा की Image में दिख रहा है।

11. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)

श्वास लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे ऊपर लाएँ, हाथों को जोड़ कर ऊपर और पीछे की ओर ले जाएँ, कुल्हों को आगे की तरफ धकेलें। जैसा की Image में दिख रहा है।

12. प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)

श्वास छोड़ते हुए पहले शरीर सीधा करें फिर हाथों को जोड़ कर प्राथना के Pose में खड़े रहे जैसा की शुरुआत में किया था जैसा की Image में दिख रहा है।

सूर्य नमस्कार के लाभ।

सूर्यनमस्कार के कई लाभ होते है जैसे :-

  • हमरा वज़न कम रहता है
  • पाचन सकती ठीक होता है
  • हमारा सरीर लचीला बनता है हमर दिमाग फ्रेश रहता है
  • हमारे मस्पेसिया को टन करता है
  • हमारी हुडिया मज़बूत होती है।
  • हमारी हडियों की joint फ्री रहती है
  • हमारे सरीर के joint pain को कम करती है

अंतिम शब्द

आज होने अपने इस Article में आपको सूर्यनमस्कार कैसे करने चाहिए और सूर्यनमस्कार के लाभ सूर्यनमस्कार कितने प्रकार के होते है कैसे करते है सब बताय है उम्मीद है आपको हमारा यह Article पसंद आया होगा।

धन्यवाद !